2010 तक Smartphones का चलन भारत में नहीं था | पर जिओ के प्लान आते ही और कई इंटरनेट के सस्ते पैक और बढ़ती सुविधाओं के साथ स्मार्टफोन के उपयोगकर्ता की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है | पर 2015 के बाद Smartphones की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है| पर बढ़ते यूजर के साथ बढ़ती मोबाइल की लत कई लोगों की मानसिकता में बदलाव लाती है । जिसे गुस्सा करना ,चिड़चिड़ापन ,परिवार पर ध्यान ना देना रिश्तो में दरार पड़ना आदि।
विवो (vivo’s) के द्वारा की 2000 लोगों पर की गई स्टडी जो देश के 8 बड़े मेट्रो सिटी से ली गई है । विवो के द्वारा की गई के स्टडी के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान बढ़ती स्मार्टफोन की उपयोगकर्ता और लत के कारण लोगों की मानसिकता और शारीरिक गतिविधियों पर गहरा प्रभाव पड़ा है। यह स्टडी विवो और साइबरमीडिया रिसर्च के द्वारा संयुक्त रूप से की गई है।
और इसका टाइटल है “Smartphone and Their Impact on Human Relations 2020”
रिपोर्ट के अनुसार लॉक डाउन के दौरान लोगों ने परिवार के साथ बहुत समय बिताया ।पर साथ ही मोबाइल पर अपना टाइम भी गवाया। 2019 से लेकर 2020 तक स्मार्टफोन के उपयोगकर्ता में 29 % की वृद्धि हुई है। पिछले साल के मुकाबले जो 4.30 घंटे और इस साल 7 घंटे एक दिन में स्मार्टफ़ोन पर लोगो ने समय बिताया ।
रिपोर्ट के अनुसार 74% लोगों का मानना है कि वे स्मार्टफोन चलाते वक्त चिड़चिड़ा एवं परेशान हो जाते हैं। जबकि 73 लोग % लोगों का कहना है कि उन्हें स्मार्टफोन के नोटिफिकेशन बार- बार देखने की इच्छा होती है। 73% लोगों का यह भी मानना है अगर उनके पास स्मार्टफोन ना हो तो वह अकेले महसूस करते हैं। जबकि 73% लोग यह भी मानते हैं कि वह अगर स्मार्टफोन का कम उपयोग करते हैं तो वह खुश रहते हैं।70% लोगों का मानना है कि ज्यादा मोबाइल उपयोग करने से उनकी शारीरिक और मानसिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ता है।
बढ़ती स्मार्टफोन उपयोग का कारण एक यह भी है कि लॉक डाउन के दौरान कई लोगों का काम 75% work-from-home के जरिए बढ़ा। 89 % लोगों का यह मानना है कि वह अपने करीबी लोगों के मिलने का समय, उन्होंने स्मार्टफोन पर बिताया। रिपोर्ट के अनुसार 84% लोग हर 15 मिनट में अपने स्मार्टफोन को चेक करते हैं। स्मार्टफोन का बार बार चेक करना , 52% से 88% बढ़ा है।
जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है। वैसे ही स्मार्टफोन के उपयोगकर्ताओं की संख्या भी बढ़ी है । रिपोर्ट के अनुसार 15 से 20 साल के लोग 56 परसेंट स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं जबकि 41 से 45 के उम्र के लोग 78% है।
68% लोगों का कहना है कि वह सोने के पहले स्मार्टफोन को चेक करते हैं जबकि 19 % लोगो का जवाब शायद में आया है।
50 %लोग जब मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं । जब वह परिवार के साथ होते हैं । पर जब वह काम पर होते हैं तब स्मार्टफोन उपयोग करने वाले लोगों की संख्या 78% है 71% जब वह खाने की टेबल पर होते हैं और 84% जब रूम के अंदर होते हैं तब वे स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं।
8 metro city Delhi, Mumbai ,Chennai, Kolkata ,Hyderabad ,Bangalore जिसमें यह सर्वे किया गया।
हालांकि ,मोबाइल चलाना या स्मार्ट फोन का उपयोग करना बुरी बात नहीं है । पर एक समय से ज्यादा चलाना और इसकी लत लगाना । वह आप पर नकारात्मक प्रभाव आपके मानसिक और कई गतिविधियों पर असर कर सकती है।
और दिन पर दिन बढ़ते स्मार्टफोन के उपयोग इसके कारण बढ़ते मानसिक तनाव और फिर अपने मूड पर भी नियंत्रण नहीं कर पाते।