प्रधानमंत्री मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा नया संसद भवन नूतन और पुरातन सा अस्तित्व का उदाहरण है। संबोधन में संसद भवन के इतिहास, और नए संसद भवन की आधुनिक जरूरतों को बताया साथ में संसद भवन की विशेषताएं भी बताई ।
- यह आत्मनिर्भर भारत का गवाह।
- नए संसद भवन में देश की आकांक्षाएं पूरी की जाएगी।
- आने वाली पीढ़ियां नए भवन को देखकर गर्व करेगी कि यह स्वतंत्र भारत में बना है।
- 12 वीं सदी के अनुभव मंतुवम के बारे में बताया गया।
- 10 वीं सदी में तमिल में पत्थरों पर लिखी गई पंचायत व्यवस्था देश के लोकतांत्रिक को 1000 वर्ष पूर्व बनी लोकतांत्रिक व्यवस्था
- संसद के बाहर और अंदर हमेशा, और जब तक जीवन रहे संवाद बना रहना चाहिए।
- भारत में लोकतंत्र जीवन पद्धति है लोकतंत्र में जीवन मंत्र ,जीवन तत्व व्यवस्था , का तंत्र है जल्द दुनिया कहेगी “भारत लोकतंत्र की जननी ” है।
- राष्ट्रहित का संकल्प और नवाचार का भी शिलान्यास होना चाहिए।
- गुरु नानक देव जी ने कहा है संवाद बने रहना चाहिए जब तक संसार है सब मत चलना चाहिए।
- एकता के उत्साह था में रहना है भारत के लिए लोकतंत्र में जीवन तत्व भी है।11. देश की चिंता खुद की चिंता से बढ़कर हो |
लोकतंत्र के मंदिर –संसद भवन का शिलान्यास :-
1) नया संसद भवन का शिलान्यास वास्तुशिल्प के अनुसार किया गया।
2) समारोह में लोकसभा स्पीकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , गृह मंत्री अमित शाह व केंद्रीय मंत्री भी मौजूद थे
3) सर्वप्रथम दोपहर 12:55 पर गणेश पूजन के साथ समारोह की शुरुआत और दोपहर 1: 13 पर क्षेत्रफल की पूजा, अंत में 1:15 पर आधारशीला की पूजा कर , पूजा संपूर्ण की।
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