हुगली नदी के मुहाने के पश्चिम ओर स्थित ताजपुर स्थान पर एक ताजपुर बंदरगाह का निर्माण किया जा रहा है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच पार्टनरशिप और निर्माण कार्य को लेकर चल रहे विवाद से आगे बढ़ते हुए अब सरकार ने ताजपुर बंदरगाह का निर्माण कार्य आगे बढ़ाया है। ताजपुर बंदरगाह पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदनीपुर जिला में स्थित है।
राज्य सरकार के अनुसार यह परियोजना 15000 करोड रुपए की होगी और यह परियोजना 2 एजेंसी के द्वारा निर्माण की जाएगी । वेस्ट बंगाल मेरीटाइम ज़ोन और वेस्ट बंगाल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के द्वारा बनाई जाएगी ।
कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह पहले से ही मौजूद है।
पश्चिम बंगाल में स्थित ताजपुर बंदरगाह ओडिशा में स्थित दो बंदरगाह (धामरा और पाराद्विप) के निकट स्थित है।
यह बंदरगाह पश्चिम बंगाल का पहला गहरा समुद्री बंदरगाह होगा
और इससे 25000 लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध होगा ।
“ताजपुर ” बंदरगाह से फायदा क्या ?
- निर्यात में बढ़ोतरी होगी।
- खड़कपुर के आस-पास मौजूद आयरन एंड स्टील फैक्ट्री को फायदा होगा।
- देश की तीसरी सबसे बड़ी स्टील प्रोड्यूस कंपनी दुर्गापुर स्टील प्लांट को भी फायदा होगा।
- Sea food कंपनियों को भी फायदा होगा।
- देश का 13 % आयरन और स्टील का निर्यात वेस्ट बंगाल से होता है।
“ताजपुर “बंदरगाह के निर्माण की जरूरत क्यों?
पश्चिम बंगाल में स्थित कई भारी कंपनियों को अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए और उसे निर्यात करने के लिए दूसरे बंदरगाह पर निर्भर रहना पड़ता था और यह बंदरगाह उड़ीसा राज्य में स्थित है।
जिसकी वजह से उसका खर्च और उसकी बाजार की मुद्रा बढ़ जाती थी इसलिए सरकार ने यह निर्णय लिया है कि पश्चिम बंगाल में बंदरगाह की आवश्यकता है। चौकी पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के पास कोई गहरे समुद्री बंदरगाह नहीं थे। जिसकी वजह से बड़े 16 मीटर ड्राफ्ट वाले जहाज़ वहां नहीं आ पाते थे।
गहरे बंदरगाह क्या होते है?
गहरे बंदरगाह का अर्थ ऐसे बंदरगाह को लेकर है । जिसमें बंदरगाह पर मौजूद जहाजों के नीचे समुद्र में 30 फीट गहराई न्यूनतम होती है और ऐसे बंदरगाह पर पनामैक्स जहाज़ आसानी से आ सकते हैं।
भारत में स्थित गहरे बंदरगाह-
धमरा बंदरगाह- भद्रक जिला (ओड़ीसा)
जवहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट ,नवी मुंबई
कृष्णापट्टनम (नेल्लौर जिला, आंध्र प्रदेश)