10 दिसंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की नई पार्लियामेंट का शिलान्यास किया जाएगा .पार्लियामेंट यानी कि संसद भवन जो दो सभा को प्रदर्शित करती है एक राज्यसभा, दूसरी लोकसभा यानी कि लोअर हाउस के नाम से भी जाना जाता है राज्यसभा जिसे अपर हाउस के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए इसे द्विसदनीय सभा भी कहते हैं। पुरानी संसद भवन को ब्रिटिश द्वारा 1912 -13 में आर्किटेक्चर लुटियन बायर और हरबर्ट ब्रेकर द्वारा बनाया गया था | और यह 1921 में जाकर कंपलीट हुई थी । यह गोलाकार आकार की बनी हुई है।
सन 1950 के पहले इसे इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल के नाम से जाना जाता था 1950 के बाद से इंडिया पार्लियामेंट हाउस के नाम से जाना जाता है | फिर 2010 में केंद्रीय विस्टा को संशोधित करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया गया था और यह उम्मीद जताई गई कि कई प्रशासन भवन का पुनर्निर्माण और स्थानांतरण 2024 तक हो जाएगा.
पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग के साथ समस्या:
1) पुरानी बिल्डिंग में कई बार संशोधन और सुधारा जा चुका है जैसे 1956 में।
2) बढ़ती जनसंख्या के अनुसार पुरानी संसद भवन में बैठक की व्यवस्था में समस्या.|
नया पार्लियामेंट / संसद भवन के बारे में:-
नई पार्लियामेंट बिल्डिंग को पार्लियामेंट हाउस स्टेट के प्लॉट नंबर 118 पर बनाया जाएगा । इसका आकार त्रिकोण आकर का होगा। अनुमान के मुताबिक नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में 971 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। और पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग को पुरातत्व विभाग द्वारा सहेजा जाएगा I नई पार्लियामेंट बिल्डिंग को टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड द्वारा 64,500 स्क्वायर मीटर में और चार फ्लोर में बनाया जाएगा। देश के कोने कोने से आत्मनिर्भर भारत के तहत कलाकारों को नई बिल्डिंग बनाने के लिए बुलाया जाएगा।
नई बिल्डिंग में संयुक्त सत्र के दौरान 1,224 मेंबर ऑफ पार्लियामेंट के बैठक की व्यवस्था है। इसके अलावा नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में 124 नए ऑफिस के जगह की व्यवस्था है जिसमें कोई सेंट्रल हॉल नहीं होगा।
3015 स्क्वायर मीटर में फैला लोकसभा चेंबर वर्तमान की 543 सीटों की जगह नई बिल्डिंग में 888 सीटों की जगह होगी।
राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट के बीच नई इमारतों के बीच सेंट्रल विस्टा का प्लान तैयार किया गया है | इन जगहों पर दोनों सदनों के ज्यादा सदस्यों की संख्या वाली नई इमारते बनाई जाएगी। साथ ही केंद्रीय सचिवालय के लिए 10 नई इमारते बनाई जाएगी। राष्ट्रपति भवन मौजूदा संसद भवन इंडिया गेट और राष्ट्रीय अभिलेखागार की इमारतों को वैसा ही रखा जाएगा। सेंट्रल विस्ता के मास्टर प्लान के अनुसार पुराने गोलाकार संसद भवन के सामने गांधी जी की प्रतिमा के पीछे नया त्रिकोण संसद भवन बनाया जाएगा। जिसमें दोनों सदनों को 13 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। और स्थाई इमारतें व पार्किंग शामिल है।
नई पार्लियामेंट बनाने के लिए 7 कंपनियों ने ठेके के लिए बोली लगाई थी लेकिन केंद्रीय लोक विभाग द्वारा आखरी चरण के लिए सिर्फ तीन कंपनियों को चुना गया । इस प्रोजेक्ट का निर्माण सेंट्रल विस्ता री -डेवलपमेंट परियोजना के तहत किया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक 2022 में स्वतंत्रता के 75 वर्ष के सालगिरह पर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की इमारतों को पूर्ण कर लिया जाएगा। संभावना है कि नई पार्लियामेंट इमारत के ऊपर राष्ट्रीय प्रत्येक लगाया जाएगा । शहरी और आवास मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार निर्माण निवेदा के लिए राज्य प्रतीक के लिए अंतिम रूप दिया गया है नया संसद भवन
60,000 स्क्वेयर मीटर व दो मंजिला होगा। जिस में 120 दफ्तर होगे। जिसमें उपराष्ट्रपति, स्पीकर ,संसद सदस्य व विशिष्ट अतिथि के निकलने के लिए छह अलग-अलग दरवाजे होंगे। नई संसद भवन की गैलरी में 1
336 से अधिक लोग आसानी से बैठ पाएंगे।नई संसद भवन में दो- दो सांसदों के लिए एक सीट होगी। जिसकी लंबाई 120 सेंटीमीटर होगी। नई संसद भवन में एक भी खिड़की दूसरी खिड़की से मेल नहीं खाएगी जो देश की विविधता को दर्शाती है। हर एक खिड़की का आकार, रूप और अंदाज अलग – अलग होगा।
उपराष्ट्रपति का आवास मौजूदा नार्थ ब्लाक के पीछे बनाया जाएगा।अभी उपराष्ट्रपति का आवास लुटियंस जोन में है।जबकि साउथ ब्लॉक के पीछे नया पीएमओ ( प्राइम मिनिस्टर ऑफिस ) बनेगा। और प्रधानमंत्री का आवास इसी प्राइम मिनिस्टर ऑफिस के पीछे बनाया जाएगा । प्रधानमंत्री का आवाज 7 ब्लॉक के पीछे आने से ट्रैफिक को रोकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी । क्युकी संसद भवन और प्राइम मिनिस्टर ऑफिस की दूरी कम हो जाएगी।
केंद्रीय सचिवालय के सभी मंत्रालयों के लिए विजय चौक और इंडिया गेट के बीच 4 प्लॉट में 10 से ज्यादा आधुनिक इमारतें बनेंगी। सेंट्रल विस्टा के प्रोजेक्ट में केंद्र के 51 मंत्रालयों में से सिर्फ 22 मंत्रालय शामिल है। 3 प्लॉट में 3-3 आठ मंजिले और चौथे प्लॉट में एक इमारत के अलावा 8000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला कन्वेंशन सेंटर भी होगा। इसमें 7 हॉल होंगे । जिसमें अलग-अलग हॉल में लोगों के बैठने की अलग-अलग क्षमता वाला हॉल होगा। सभी इमारतों को अंडरग्राउंड सेंट्रल सेक्ट्रिएट और उद्योग भवन से जोड़ा जाएगा।